आज की अनसुनी दास्तान है मलयाली सिनेमा की शुरुआत करने वाले जे.सी. डेनियल की, जिन्होंने सिनेमा बनाने का इकलौता सपना पूरा करने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। सालों की मेहनत से ये सपना तो साकार हुआ, लेकिन एक फैसले से इस सपने ने भयावह रूप ले लिया। वो फैसला था जातिवाद को नकार कर एक दलित लड़की को फिल्म में हीरोइन बना लेना। इस फैसले की सजा उन्हें समाज ने दी। गांव के इकलौता थिएटर जला दिया। इससे बच निकले तो गुमनामी में रहने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी।
सालों बाद उन्हें मलयाली सिनेमा का पितामाह कहा गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। आज केरल का सबसे बड़ा अवॉर्ड जे.सी. डेनियल के नाम है, हालांकि जीते जी कभी उन्हें वो सम्मान नहीं मिल सका, जिसके वो हकदार थे।
आज 4 चैप्टर में पढ़िए मलायाली सिनेमा को बनाने और तराशने