चीन संग व्यापार घाटा पाटने के लिए नीति आयोग कार्ययोजना बनाएगा। नीति आयोग ने चीन के साथ व्यापार अंतर को कम करने और स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के क्षेत्रों में दो अध्ययन का नेतृत्व करने के लिए सलाहकारों से आवेदन मांगे हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। नीति आयोग ने चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे को पाटने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के उद्देश्य से अध्ययन शुरू किया है। इसके तहत व्यापार रणनीति को उभरती भू-राजनीतिक स्थिति के अनुरूप बनाया जाएगा। इसके अलावा यह अध्ययन संभावित जोखिमों से सप्लाई चेन की सुरक्षा पर भी केंद्रित होगा।
नीति आयोग ने चीन के साथ व्यापार अंतर को कम करने और स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के क्षेत्रों में दो अध्ययन का नेतृत्व करने के लिए सलाहकारों से आवेदन मांगे हैं। यह कदम जून, 2020 में गलवान में हुई झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में उठाया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का वस्तुओं का व्यापार 1,000 अरब डॉलर से अधिक रहा।
भारत का आयात-निर्यात कितने डॉलर का?
वित्त वर्ष के दौरान भारत में 422 अरब डालर का निर्यात किया गया। जबकि अन्य देशों के साथ भारत का आयात 613 अरब डालर रहा। इस तरह व्यापार घाटा 191 अरब डालर रहा। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत के कुल व्यापार घाटे में 38 प्रतिशत यानी 73.3 अरब डालर सिर्फ चीन के साथ था।
वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का निर्यात 450 अरब डालर और आयात 714 अरब डालर रहा। इस तरह व्यापार घाटा 263 अरब डालर रहा। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का केवल चीन के साथ व्यापार घाटा करीब 32 प्रतिशत (83.1 अरब डालर) था।
यह भी पढ़े: Gujarat: गुजरात में कांग्रेस नेता के घर एक लाख रुपये की शराब बरामद, पार्टी ने किया निलंबित
यह भी पढ़े: शनि के चंद्रमा टाइटन के लिए परमाणु संचालित लैंडर बनाने में जुटा नासा, 2027 में लॉन्च होगा लैंडर ड्रैगनफ्लाई