एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा पाठ्यक्रम में संशोधन के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति ने सभी स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ (INDIA) की जगह ‘भारत’ शब्द के इस्तेमाल की सिफारिश की है। इससे देश की सियासत गर्मा गई है। विपक्ष ने कहा कि बीजेपी को अब हार का डर सता रहा है।
विपक्ष के कई दलों के नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ((NCERT) द्वारा गठित समिति के उस सुझाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा जिसमें स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ करने की बात की गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा इतिहास बदलना चाहती है और ऐसे 'हताशा भरे कदम' उठा रही है क्योंकि उसे विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलवमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) से हार का डर सता रहा है।
क्या बोले समिति के अध्यक्ष : समिति के अध्यक्ष सीआई आइजक के अनुसार, समिति ने पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ शब्द के इस्तेमाल, ‘प्राचीन इतिहास’ के स्थान पर ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ शुरू करने, सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) शुरू करने की सिफारिश की।
हालांकि, एनसीईआरटी के अध्यक्ष दिनेश सकलानी ने कहा कि समिति की सिफारिशों पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
क्या बोली कांग्रेस : कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ‘इंडिया’ शब्द उतना ही गौरवशाली है जितना कि ‘भारत’, लेकिन सत्तारूढ़ दल और सरकार "एक पूरी पीढ़ी को उस शब्द से नफरत करने की शिक्षा देना चाहती है जिसके प्रति हम बहुत गर्व महसूस करते हुए बड़े हुए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा न तो ‘भारत’ को लेकर गंभीर है और न ही ‘इंडिया’ को लेकर गंभीर है। वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि नाम बदलना सिर्फ ध्रुवीकरण का प्रयास मात्र है।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने, "संविधान में लिखा है ‘इंडिया’ जो ‘भारत’ है। दोनों नाम एक हैं।’’ राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के गठन के बाद से यह भाजपा शासन की एक उन्मादी प्रतिक्रिया रही है।
उन्होंने दावा किया कि अगर इंडिया गठबंधन अपना नाम बदलकर 'भारत' कर लेता है तो क्या वे देश का नाम बदलकर 'जंबूद्वीप' या कोई और नाम रखेंगे।
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री मोदी को ‘इंडिया’ गठबंधन से कितना डर है। उनके गठबंधन के साथी उन्हें छोड़ रहे हैं। नाम बदलने के बजाय बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
द्रमुक के प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने कहा कि भाजपा "अपने कुशासन से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए" नाम बदलने की राजनीति कर रही है।
कांग्रेस नेता और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि एनसीईआरटी समिति की सिफारिश "गलत" है और इस कदम के पीछे राजग का हाथ है। वेबदुनिया न्यूज