कैबिनेट बैठक ने रबी फसल सीजन के लिए फास्फेट एवं पोटाशयुक्त उर्वरकों पर 22303 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दे दी है। सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट कमेटी ने मिट्टी के लिए नाइट्रोजन फासफोरस पोटाश व सल्फर जैसे पोषक तत्व आधारित (एनबीएस) सब्सिडी दरें तय की हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार रबी सीजन में किसानों को फास्फेट एवं पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरक सस्ते दाम पर उपलब्ध कराने के लिए 22,303 करोड़ रुपए की सब्सिडी देगी। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी की बैठक में यह फैसला किया गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन उर्वरकों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और सब्सिडी नहीं मिलने पर किसानों की लागत काफी बढ़ जाएगी, इसलिए इस सब्सिडी को जारी रखने का फैसला किया गया है। सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट कमेटी ने मिट्टी के लिए नाइट्रोजन, फासफोरस, पोटाश व सल्फर जैसे पोषक तत्व आधारित (एनबीएस) सब्सिडी दरें तय की हैं।
1 अक्टूबर से 31 मार्च तक होंगी लागू
एक अक्टूबर से शुरू होकर आगामी 31 मार्च तक चलने वाले रबी सीजन के लिए यह दरें लागू होंगी। फैसले के मुताबिक रबी सीजन में किसानों को नाइट्रोजन 47.02 रुपए प्रति किलोग्राम, फासफोरस 20.82 रुपए प्रति किलोग्राम, पोटाश 2.38 रुपए प्रति किलोग्राम तो सल्फर 1.89 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से दी जाएंगी। ठाकुर ने बताया कि डीएपी पर दी जाने वाली 4500 रुपए प्रति टन की सब्सिडी जारी रहेगी। डीएपी 1350 रुपए प्रति बैग की पुरानी दरों पर मिलती रहेगी तो एनकेपी की 1470 रुपए प्रति बैग की दर से मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक
सरकार उर्वरक निर्माताओं व आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती कीमतों पर पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है। पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी एनबीएस योजना के तहत वर्ष 2010 से लागू है। सेमीकंडक्टर सप्लाइ चेन के लिए जापान के साथ सहयोग समझौता को कैबिनेट की मंजूरी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ने सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में पार्टनरशिप के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय व जापान के बीच हुए सहयोग समझौते (एमओसी) को अपनी मंजूरी दे दी।
एमओसी पांच साल की अवधि तक लागू
इस साल जुलाई में यह एमओसी किया गया था। एमओसी का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल टेक्नोलॉजी की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर के महत्व की पहचान कर आपस में संबंधित सप्लाई चेन को मजबूत बनाना है। यह एमओसी पांच साल की अवधि तक लागू रहेगा।
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